कन्नौज: अखिलेश ने फिर की चुनाव तैयारियों की समीक्षा, कन्नौज से प्रत्याशिता पर संशय बरकरार बृजेश चतुर्वेदी कन्नौज। लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण की नामांकन प्रक्रिया आज से प्रारम्भ हो गयी है। इसी चरण में कन्नौज संसदीय सीट के लिए भी नामांकन होने हैं। कन्नौज में अभी सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इसी बीच आज सपा मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज पहुंचे। यहां पार्टी कार्यालय में जिले की सभी बूथ कमेटियों के अध्यक्षो के साथ बैठक की। बैठक के दौरान बूथों की तैयारियों को परखा। बूथ कमेटियों से चुनावी तैयारी पर मंथन किया। पार्टी कार्यालय के सभागार में हुई इस बैठक में सिर्फ बूथ कमेटी से जुड़े पदाधिकारी ही मौजूद रहे। किसी और को वहां नहीं जाने दिया गया। मीडिया से भी दूरी बनाकर रखी गई। यहां से वे पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद अपनी डिग्रियां जला कर आत्म हत्या करने वाले ब्रजेश पाल के घर सांत्वना देने गए। उन्होंने शहर में कई और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनसे मुलाकात की। उम्मीदवारी पर अभी चुप्पी चर्चा थी कि आज अपने भृमण के दौरान अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि बैठक के दौरान ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई। कुछ बूथ कमेटियों से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि पार्टी मुखिया ने उन सभी के मन को टटोला है। सभी ने उनसे ही चुनाव लड़ने को कहा है। हालांकि इस पर अभी उन्होंने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। माना जा रहा था कि कन्नौज लोकसभा सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने को लेकर चल रही अटकल पर आज विराम लग सकता है। यही नहीं सपाइयों का दावा है कि अखिलेश यादव इस दौरान यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकते हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि 23 अप्रैल को नामांकन कराने की तैयारी है। वहीं बीते दिन अखिलेश यादव ने कन्नौज में प्रचार के दौरान पूछे जाने पर खुलकर ऐलान तो नहीं किया, लेकिन इशारों में कन्नौज से लड़ने का इशारा किया था। उन्होंने कहा था कि कन्नौज से दो दशक से भी ज्यादा पुराने रिश्ता है। कन्नौज मेरा घर है इसे नहीं छोड़ सकता है। दरअसल, कन्नौज लोकसभा सीट से अखिलेश यादव लड़ेंगे कि नहीं इसको लेकर संशय बना हुआ। पहले चर्चा चली कि अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई रणवीर सिंह के पौत्र तेज प्रताप यादव को कन्नौज से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा तेज हुई। कहा जाने लगा कि अगर अखिलेश यादव ने कन्नौज से चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया तो संभव है कि वहां से तेज प्रताप यादव को उतार दिया जाए। अभी कल ही सपा जिलाध्यक्ष कलीम खान ने दावा किया था कि अखिलेश का कन्नौज से चुनाव लड़ना पक्का है। कन्नौज में सपा क्यों कर रही देरी? चर्चा है कि कन्नौज में सपा की देरी प्लान के तहत है। लोगों का कहना है कि अखिलेश ने इससे पहले दौरे में इशारा किया था। इस दौरान यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते थे पर नहीं किया इसके पीछे वजह थी कि सपा को लगता था कि बीजेपी सुब्रत पाठक की जगह किसी और प्रत्याशी बना देती। यहीं नहीं अगर कन्नौज से अखिलेश यादव चुनाव लड़ने का ऐलान पहले कर देते तो सपाइयों का सारा फोकस कन्नौज पर हो जाता है। ऐसे में दिक्कत होती। हालांकि यह तो लोगों के तर्क हैं। अब देखना यह है कि अखिलेश यादव का निर्णय क्या होता है। बसपा से इमरान तो बीजेपी से सुब्रत पाठक चुनाव मैदान में बसपा प्रमुख मायावती ने कन्नौज से इमरान विन ज़फ़र को बसपा का प्रत्याशी बनाया है। वे 2014 में भी यहां से चुनाव लड़ चुके है तब उन्हें यहां नोटा से भी कम वोट मिले थे। भाजपा ने यहां से पहले ही सुब्रत पाठक को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सुब्रत चौथो बार मैदान में उतर रहे है और पिछले चुनाव उन्होंने मामूली अंतर से जीत कर डिम्पल यादव से सपा का यह गढ छीन लिया था। सुब्रत पाठक अंतिम दिन 25 को नामांकन करेंगे।