बृजेश चतुर्वेदी कन्नौज। विधायक रेखा वर्मा के साथ तिर्वा पहुँचे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने रानी अवंतीबाई की प्रतिमा स्थल पर जब पहुँच उनका वंदन व अभिनंदन कर जब ऐलान किया कि एयरपोर्ट का नाम भी रानी के नाम पर रखा जाएगा तो रात के धुंधलके में भी हजारों की तादाद में यहाँ मौजूद लोधी समाज ने जय अखिलेश, जय समाजवाद और पीडीए जिंदाबाद के नारों से आसमान गुंजायमान कर दिया। वहीं उन्होंने नारा दिया कि हमारा रक्षक है संविधान और हम हैं संविधान के रक्षक, तो देशप्रेमी उनके इस नारे को साकार करने में जुटने लगे। कन्नौज के जनपद सम्पर्क में यहाँ ऐसा देखने को मिलने लगा, मानो अखिलेश नहीं, यहाँ की जनता खुद चुनाव लड़ रही। पूर्व मुख्यमंत्री की जनसम्पर्क यात्रा का सैकड़ों नहीं हजारों की तादाद में लोगो ने दलीय और धार्मिक भावनाओं से ऊपर उठकर स्वागत किया। कन्नौज का चुनाव अब सही मायनों में ऐतिहासिक होता जा रहा है चुनाव जहाँ हर आदमी को अच्छा लगने लगा है और लगभग सभी सक्रिय हिस्सेदारी करने लगे है उस से लग रहा है कि तेज गर्मी और झुलसाने वाली लू को दर किनार कर यहां मतदान प्रतिशत बढ़ेगा और हो सकता है कि ये पिछला रिकार्ड तोड़ कर राष्ट्रीय मतदान औसत के करीब पहुंच जाए। अपनी बढ़ती लोकप्रियता से खुद अखिलेश भी फूले नहीं समा रहे हैं। कल देर रात तक जनसम्पर्क और रोड शो में जुटे अखिलेश से इस संवाददाता की एक संक्षिप्त सी मुलाकात हुई तो बोले "लगता है यहां मैं नही स्वयम जनता चुनाव लड़ रही है और हो भी क्यो न बेरोजगार युवाओं में आक्रोश है। झूठे क्यानों से जनता अब ऊब चुकी है। कर्ज़ और महंगाई के बोझ तले दबे कराहते आम जनमानस को अखिलेश यादव नाम की दवा मिल गयी है।" महिलाएं जहाँ घरों से बैठ अखिलेश की सराहना करती मिल रहीं तो तपती धूप की चिंता छोड़ पसीना-पसीना सपा कार्यकर्ता अपने पुराने गढ़ को जिंदा करने के लिए रात दिन एक कर रहा है। मतदाता को बहकाने की कोशिशें नाकाम हो रहीं है। जनता ऊब चुकी है। आज के युवा को बदलाव की हसरत है। भाजपा भी समझ गयी है कि पीडीए समाज जाग गया है और अपने आरक्षण व आरक्षण देने वाले संविधान को बचाने के लिए भाजपा के खिलाफ वोट कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोई इन झूठे भाजपाईयों से पूछे कि जब देश और प्रदेश दोनों जगह सरकार आपकी है तो आरक्षण भी तो आप ही मारोगे। ताजे मामले में 69 हजार शिक्षक भर्ती में जिस प्रकार भाजपा सरकार द्वारा आरक्षण मारा गया, वह किसी से छिपा नहीं रहा। अखिलेश यादव ने दो चरण के चुनाव पूरे होने के बाद कहा कि अब 400 पार का नारा क्यों नहीं लगा रहा, अव भाषा और भाषण क्यों बदल गए। बोले झूठ को बुनियाद बताने वाले रेत को सीमेंट समझने की भूल कर बैठते हैं। इसी कारण जब वह झूठ पर अपनी इमारत बड़ी सी बड़ी करते जाते हैं तो एक दिन महाझूठ का दुर्ग खुद के भार से ढह जाता है। इसलिए हर युग में अन्त में जीतना सच को ही होता है। उन्होंने कहा असत्यमेव पराजयते।