सातवें चरण के चुनाव में 25 प्रतिशत उम्मीदवार करोडपति| उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में 13 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने वाले सभी 144 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया जो महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदोंली, वाराणसी, मिर्ज़ापुर और रॉबर्ट्सगंज से चुनाव लड़ रहे है| उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले 144 में से 36 (25 %) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं जब कि 21% उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए है। लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण के चुनाव में अपराधिक मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों का दलवार विवरण देखा जाये तो बहुजन समाज पार्टी के 13 में से 5 (39%), भारतीय जनता पार्टी के 10 में से 3 (30%), समाजवादी पार्टी के 9 में से 7 (78%), सरदार पटेल सिद्धांत पार्टी 6 में से 2 (33%), कांग्रेस के 4 में से 2 (50%) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर अपराधिक मामले घोषित किए हैं। उम्मीदवारों द्वारा घोषित गंभीर आपराधिक मामलों में बहुजन समाज पार्टी के 39%, भारतीय जनता पार्टी के 10 %, समाजवादी पार्टी के 67%, सरदार पटेल सिद्धांत पार्टी के 33%, कांग्रेस के 50% उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। आपराधिक मामलों में लल्लन सिंह यादव जो बलिया से बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे है उनके ऊपर सर्वाधिक 22 आपराधिक मामले दर्ज है, दूसरे नम्बर पर आपराधिक छवि के उम्मीदवार में अजय राय हैं जो वाराणसी से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार है इनके ऊपर 18 आपराधिक मामले दर्ज़ है वही तीसरे नंबर पर स्वामी प्रसाद मौर्या जो राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से कुशी नगर के उम्मीदवार है जिनके ऊपर 9 आपराधिक मामले पंजीकृत है। लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में करोडपति उम्मीदवारों में 144 में से 55 यानी 38% उम्मीदवार करोड़पति हैं। जिसमे भारतीय जनता पार्टी के 10 में से 10 (100%), समाजवादी पार्टी के 9 में से 9 (100 %), कांग्रेस के 4 में से 4(100%), बहुजन समाज पार्टी के 13 में से 7(54%), अपना दल( सोनेलाल) के 2 में से 2(100%), अपना दल( कमेरावादी) 2 में से 2 (100%) उम्मीदवार करोड़पति हैं। उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण के उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 3 .35 करोड़ है मुख्य दलों में बहुजन समाज पार्टी के 13 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति लगभग 3 करोड़ है भारतीय जनता पार्टी के 10 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 18 करोड़ के आसपास है समाजवादी पार्टी के 9 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति लगभाग 14 करोड़ है कांग्रेस के 4 उम्मीदवारों कि औसत संपत्ति लगभग 3 करोड़ है। यूपी इलेक्शन वॉच एडीआर राज्य संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने बताया की लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के प्रत्याशियों में घोसी से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राजीव राय हैं जिनकी संपत्ति लगभग 49 करोड़ के आसपास है रवि किशन (रवीन्द्र शुक्ला) गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी संपत्ति 43 करोड़ के लगभग है वही भारतीय जनता पार्टी महाराजगंज लोकसभा सीट से पंकज चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं जिनकी संपत्ति लगभग 41 करोड के आसपास हैं। सबसे कम संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष तीन उम्मीद्वारो कि बात करे तो गोरखपुर लोकसभा सीट से अल हिन्द पार्टी से चुनाव लड़ रहे श्रीराम प्रसाद हैं जिनकी कुल समत्ति 25 हज़ार हैं दूसरे नंबर पर चंदौली से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे संतोष कुमार हैं जिनकी संपत्ति 38 हज़ार बताई गई हैं तीसरे नंबर पर महाराजगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रामप्रीत हैं उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 50 हज़ार रूपए बताई हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में 144 में से 54 (38 %) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच घोषित की है. जबकि 82 (57%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज़्यादा घोषित की हैं। 3 उम्मीदवार ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है। 4 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर तथा 1 उमीदवार अपनी शैक्षिक योग्यता घोषित नहीं की है| सातवें चरण में उम्मीदवारों की आयु की बात करे तो 144 में से 47 (33%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है, जबकि 69 (48%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है। 28 (19%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है। उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में 10 (7%) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही है। मुख्य संयोजक यूपी इलेक्शन वॉच एडीआर संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हो रहे लोकसभा चुनाव के सातवे चरण में अब तक सबसे कम महिला प्रत्यासी हैं जब 2024 लोकसभा चुनाव का सातवें चरण में समापन हो रहा है ऐसे में महिलाओं को 7 प्रतिशत टिकट देकर सभी राजनैतिक दलों ने उनके प्रतिनिधित्व को कम किया है। जबकि भारत में 33 प्रतिशत लोकसभा व विधानसभा चुनाव में महिलाओं के भागीदारी के लिए कानून पारित हुआ है। ऐसे में इतनी कम संख्या में महिलाओं को चुनाव लड़ा कर कहीं न कही हम पुरुषवादी मानसिकता को दिखाना चाहते हैं।