सहारा हास्पिटल के विशेषज्ञ डाक्टरों ने दी थायरॉइड की जानकारी-- लखनऊ : विश्व थायरॉइड दिवस पर सहारा हॉस्पिटल गोमतीनगर में बृहस्पतिवार को सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह जी के कुशल दिशा निर्देशन में नि:शुल्क थाइराइड जांच एवं जागरुकता शिविर लगाया गया। इसमें करीब 200 लोग जांच कराने आए जिनमें राजधानी ही नहीं अन्य जनपदों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत सहारा हॉस्पिटल के मेडिकल हेल्थ डायरेक्टर डॉ. मजहर हुसैन, थायराइड स्पेशलिस्ट डॉ. अजय शुक्ला, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ डाक्टरों की टीम एवं सभी वरिष्ठ गणों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ हुई। शिविर में सहारा हॉस्पिटल के थायरॉइड सुपर स्पेशलिस्ट डॉ. अजय शुक्ला ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व थायरॉइड दिवस प्रत्येक वर्ष 25 मई को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य थायरॉइड के महत्व और रोग की रोकथाम व उपचार के बारे में जागरूक करना है। यह भी बताया गया कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं थायरॉइड का ज्यादा शिकार होती हैं। 35 साल की उम्र से थायरॉइड की जांच शुरू करा देनी चाहिए और प्रत्येक पांच साल बाद नियमित जांच करानी चाहिए, ताकि इस गम्भीर बीमारी से बचाव किया जा सके। उन्होंने बताया कि जब थायरॉइड ग्रंथि शरीर की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त थायरॉइड हॉर्मोन नहीं बना पाती है तब हाइपोथायरायडिज्म होता है। इसके विभिन्न प्रकार के लक्षण हो सकते हैं जैसे उदासी, थकान, बालों का झड़ना, सर्दी, कब्ज, रूखी त्वचा और वजन में वृद्धि। चूंकि इनमें से काफी लक्षण सामान्यता छुपे हो सकते हैं या अन्य रोगों के लक्षण की तरह हो सकते हैं, अत: हाइपोथायरायडिज्म को सुनिश्चित करने का अच्छा तरीका है कि डाक्टर से बात करें, जो उपयुक्त परीक्षण की सलाह दे सकते हैं। डायबिटीज और हार्ट डिसीज के बाद यह सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी है। आमतौर पर महिलाओं को मेनोपॉज के समय थायरॉइड का ज्यादा खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि थायरॉइड के मरीजों को ग्लूटेन के सेवन को कम करना चाहिए। ग्लूटेन वाली चीजों का अधिक सेवन करने से छोटी आंत में जलन पैदा कर सकता है और थायरॉइड हार्मोन की दवा ले रहें है तो उसका असर कम कर देती है। इसलिए अपनी डाइट में चावल, पास्ता, ब्रैड कम ही शामिल करें। कैफीन युक्त चीजों का सेवन भी कम से कम करना चाहिए क्योंकि ये थायरॉइड ग्रंथि और थायरॉइड के स्तर दोनों पर बुरा प्रभाव डालता है। सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंहजी ने बताया कि हमारे अभिभावक "सहाराश्री" जी ने जनमानस को बेहतर इलाज मुहैया करवाने हेतु विश्वस्तरीय मल्टी सुपरस्पेशलिटी टर्शियरी केयर हॉस्पिटल दिया है जहां न केवल गम्भीर से गम्भीर इलाज उपलब्ध करवाया जाता है बल्कि समय-समय पर निःशुल्क सुविधाएं प्रारम्भिक चरण की बीमारियों को पकड़ने के लिए प्रदान की जाती हैं, साथ ही शिविर के माध्यम से जागरूक भी किया जाता है। -------------------------------------------------------------------- बाक्स ------ (1) यह है थायरॉइड:- -सांस की नली के ऊपर थायराइड तितली के आकार का एक ग्लैंड होता है। थायरॉइड ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है। ये हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर में सेल्स को कंट्रोल करता है। यह दो प्रकार के होते हैं। थायराइड हार्मोन में कमी से हाइपोथायरायडिज्म (अचानक वजन बढ़ना) होता है। थायरॉइड हार्मोन के बढ़ने से हाइपरथायरायडिज्म होता है। आहार में उचित आयोडीन स्तर बनाए रखने और कच्ची गोइट्रोजेनिक सब्जियों के उपयोग को सीमित करने से थायरॉइड रोगों से बचने में मदद मिलती है। ----------------------------------------------------------------- बाक्स -2----------- थायरॉइड के लक्षण - वजन कम होना - घबराहट - थकान - सांस फूलना - कम नींद आना - अधिक प्यास लगना हाइपोथायराइडिज्म - वजन बढ़ना - थकान - अवसाद - मानिसक तनाव - बालों का झड़ना - त्वचा का रूखा और पतला होना