राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद से देश में सियासी पारा चढ़ गया है। पहली बार पूरा विपक्ष एक साथ नजर आ रहा है। सवाल यही है कि क्या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम पर या मिलकर चुनाव लड़ने के नाम पर भी यह भाईचारा बना रहेगा? अखिलेश यादव का ताजा बयान इस तरफ संकेत दे रहा है।