लखनऊः प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा का 8वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस वर्ष दीक्षान्त में पदक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए राज्यपाल जी ने उन विद्यार्थियों का भी उत्साहवर्द्धन किया जो मात्र कुछ अंकों से पदक प्राप्त करने से वंचित रह गए। उन्होंने कहा कि ये विद्यार्थी अपनी क्षमताओं को कम न आंके, क्योंकि कुछ अंकों से आगे-पीछे हो जाने से आगामी जीवन प्रभावी नहीं होगा। उन्होंने नए स्नातकों से अपेक्षा की वे इस उत्कृष्ट शैक्षिक संस्थान से प्राप्त ज्ञान और कौशल का उपयोग देश और समाज के हित में करेंगे। अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने बुंदेलखण्ड की शुष्क भूमि की चर्चा करते हुए कहा कि यदि यहाँ कि कृषि को वैज्ञानिक ढाँचा प्रदान किया जाए तो निश्चित तैार पर उत्पादन में व्यापक परिवर्तन आएगा। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय में कृषि शिक्षा, विविध शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न संस्थानों से सम्पर्क और कार्य प्राथमिकताओं का निर्धारण, कृषि विकास का रोड मैप और कार्यशालाओं का आयोजन, पशुपालन में नस्ल सम्वर्द्धन शोध और विभिन्न संस्थानों से करार करके बुन्देलखण्ड क्षेत्र की जलवायु प्राकृतिक सम्पदा, जल संरक्षण वन और वन्य जीवों पर शोध और शिक्षण जैसे कार्यों को बढ़ावा देने की सराहना की। उन्होंने बुन्देलखण्ड को कृषि की अपार सम्भावनाओं का क्षेत्र बताया। इसी क्रम में राज्यपाल जी ने विश्व स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में आ रहे तेजी से बदलावों, कृषि की समस्याओं, प्राकृतिक संसाधनों के अत्याधिक दोहन पर चर्चा करते हुए इन समस्याओं का सामना करने योग्य क्षमताओं को विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को चुनौतियों से निपटने हेतु कार्य योजना तैयार करनी चाहिए, जिससे इसकी वैश्विक स्तर पर पहचान बनें। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि इसमें लागत लगभग शून्य है और सिंचाई की आवश्यकता भी कम पड़ती है। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों के लिए फायदेमंद इस खेती में किसान साल में कई फसलें ले सकता है। इसमें पराली का भी सदुपयोग हो जाता है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र मिलेट का इतिहास संजोए हुए है। यहाँ की भूमि और जलवायु मोटे अनाजों के अनुकूल है। मोटे अनाजों को विदेशों तक पहचान दिलाने से यहाँ के किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। राज्यपाल जी ने कृषि में ड्रोन तकनीक के उपयोग और उसके फायदों पर भी चर्चा की। गिरते भूजल को चिन्ताजनक बताते हुए राजयपाल जी ने विश्वविद्यालय द्वारा जल संचयन के लिए चैदह जल संरक्षण सिंचाई संरचनाओं के विकास पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कम पानी में ‘‘पर ड्राप मोर क्राप‘‘ योजना के महत्व पर भी चर्चा की। समारोह में राज्यपाल जी ने महिलाओं का कृषि में योगदान पर चर्चा करते हुए ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने और उनके आर्थिक उपार्जन के विविध साधनों को विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम में 26 जनवरी, 2023 गणतंत्र दिवस की महिमा को भी जोड़ते हुए कहा कि ये पर्व हमें हर वर्ष राष्ट्रीय कर्तत्यों और दायित्वों का स्मरण कराता है। उन्होंने भारत में जी-20 देशों की बैठकों की जानकारी देते हुए बताया कि ये बैठकें मानवता के कल्याण के लिए ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की थीम पर आधारित हैं। उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ, ग्रेटर नोयडा में भी 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2023 तक इसकी बैठकें आयोजित हो रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस इवेंट में उत्साह के साथ प्रतिभागिता के लिए प्रोत्साहित किया। राज्यपाल जी ने समारोह में उच्च प्राथमिक विद्यालय, चहितारा, क्षेत्र बडोखर खुर्द, बांदा के 15 छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन सामग्री और पोषण सामग्री के बैग प्रदान किए तथा 20 आंगनबाडी कार्यकत्रियों को आंगनबाडी किट का वितरण किया। मुख्य अतिथि एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डाॅ0 त्रिलोचन महापात्र ने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा किए और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। दीक्षांत समारोह में कुल 206 छात्र-छात्राओं जिसमें 159 स्नातक स्तर के तथा 47 परास्नातक विद्यार्थियों को उपाधि तथा 15 छात्र-छात्राओं को मेडल प्रदान किये गये। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0नरेन्द्र प्रतात सिंह ने विश्वविद्यालय का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में इस शैक्षणिक सत्र में कुल 1190 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत् हैं जिनमें छात्राओं की संख्या कुल 176 है। राज्यपाल ने सभी पदक विजेताओं का उत्साहवर्द्धन किया।