देश में महिलाओं को उपभोग की वस्तु मानकर उनकी अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों सुधर जाओं, अब ऐसे अपराधियों को देश में फांसी लगने की शुरुआत बहुत जल्द होने वाली है। 16 दिसंबर 2012 की स्याह रात को जब लोग चैन से अपने घरों में सो रहे थे, तब देश का दिल राजधानी दिल्ली में निर्भया के साथ सड़क पर दौड़ती बस में रेप करके इंसानियत को शर्मसार करने वाली ऐसी हैवानियत को अंजाम दिया गया था, जिससे सारा देश एकजुट होकर बेहद आक्रोशित होकर बहन, बेटी व सभी महिलाओं की सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतर गया था। देश में हर तरफ से केवल एक मांग उठ रही थी कि निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दो। लेकिन हमारे यहाँ कछुए की चाल से चलने वाली कार्यपालिका व न्यायिक प्रक्रिया के चलते, वर्ष 2012 के निर्भया गैंगरेप के इस झकझोर देने वाले मामले के सभी दोषियों की फांसी पर सात साल की लम्बी जटिल कानूनी प्रक्रिया के बाद 7 जनवरी 2020 मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने अपनी मोहर लगा दी है। कोर्ट ने मंगलवार को डेथ वॉरंट जारी करते हुए आदेश दिया है कि इन चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दे दी जाएगी। आखिरकार मंगलवार को सभी देशवासियों की 7 साल पुरानी मांग पर अदालत ने डेथ वॉरंट जारी करके अपनी अंतिम मोहर लगा दी। इस निर्णय के बाद जहां एकतरफ लोगों में खुशी है वहीं लम्बी जटिल कानूनी अदालती प्रक्रिया के प्रति आक्रोश भी व्याप्त है, लोगों का मानना है कि न्याय मिलने में देरी भी पीड़ित पक्ष के साथ बड़ा अन्याय है, इसलिए सरकार को पीड़ित को समय से न्याय दिलाने के लिए कारगर तंत्र धरातल पर विकसित करना चाहिए। देश का हर कानून पंसद व्यक्ति 2012 से ही एक-एक दिन गिनकर निर्भया कांड के दोषियों की फांसी का बेहद बेसब्री से इंतजार कर रहा था। अधिकांश न्यायप्रिय देशवासियों का मानना है कि निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे पर झूलता देखकर देश में भविष्य में महिलाओं के प्रति अपराध में आश्चर्यजनक रूप से कमी आयेगी, निर्भया कांड का यह निर्णय आने वाले समय में लोगों के लिए नजीर बनेगा और अपराधियों में मौत के फंदे पर झूलने का पल-पल खौफ पैदा करेगा। इस निर्णय पर अब तत्काल अमल होना इसलिए बेहद जरूरी है कि क्योंकि आज भी हमारे देश में बहन-बेटियों के प्रति लगातार इंसानियत को शर्मसार करने वाली हृदय विदारक घटनाओं का शर्मनाक दौर जारी है। आयेदिन कहीं ना कहीं कोई माता, बहन, बेटी इन इंसानियत के नाम पर कंलक, वहशी, राक्षस, दरिंदों की दरिंदगी व हैवानियत का शिकार बन जाती है। ये शर्मनाक हालात आज हमारे देश में महिलाओं की जानमाल की सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन गये है। जिसको आने वाले समय में कम करने व रोकने में निर्भया कांड के दोषियों की फांसी मदद अवश्य करेगी।